हाले ऐ दिल अपना कभी सुनाओ भी
कभी हमसे मिलो खुद को मिलवाओ भी

यहाँ हर शख़्स सलीब पर है अकेला
अपनी तन्हाइयों को गुनगुनाओ भी

हमारा हाल तो क़तरा क़तरा था बिखरा
जो समेट सको तो हमको उठाओ भी

हर रोज़ मैं खुला छोड़ती हूँ दरवाज़ा
ग़र समय मिले तो खटखटाओ भी

पड़े है जंग के निशान रिश्तों में आभा
अपनी मुस्कराहटों से इसे मिटाओ भी

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याद आऊं चले आना, लम्हा वहीं थमा है
जिस मोड़ पर तुमने, अकेला कर दिया है
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नज़रें नीची और ख्वाब ऊँचे रखती हूँ
ऐ ज़िन्दगी तेरी धुन पे नाच लेती हूँ
चेहरे पर मुस्कान सजा लेती हूँ
और दिल में तूफान छुपा लेती हूँ
ऐ ज़िन्दगी तेरी धुन पे नाच लेती हूँ
ये जरुरी नहीं कि मनचाहा हो जाये
जो मिले उसे रब मान लेती हूँ
ऐ ज़िन्दगी तेरी धुन पे नाच लेती हूँ
रोज़ नए नए रंगो में नए सुरों में
सफर को ढाल लेती हूँ
ऐ ज़िन्दगी तेरी धुन पे नाच लेती हूँ
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इक बार फिर से एक नज्म रो पडी है
दुनिया के कायदों से वो खुद लड पड़ी है
यकीन दिला के दिल को कोई चला गया है
उसके गले से आ के बेवफाई लग पड़ी है
न जाने हरबार क्यूं वो उम्मीद थामती है
के तार तार उसकी हर आस जा पड़ी है
लाखो दिये जलाये इंतजार के आंखो में
इक भरोसे की चादर को ओढे खड़ी है
वो शख्स क्या हुआ जो था तेरी राहों में
बस एक अकेली तू ख़ामोश हो चली है
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मेरे दिल का वही कोना जागता रहता है
जहां तेरी यादों का सफर साथ रहता है.
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जब भी किसी ने बारहा ज़िक्र तेरा किया
खो गयी आंखे दिखायी दूर तक न दिया
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तुझे इश्क़ कर के ये यक़ीन हुआ कि
इबादत के लिए ख़ुदा का मिलना ज़रूरी नहीं है
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वो नन्हा सा इक पल जाने
कैसे छल गया मुझको
लाख बचाया लाख सम्हाला
बेकल कर दिया मुझको
पल पल छलती जाये आस
बुलाये हर पल मुझको
ऐसी कोई शाम ढले कल
और ले आये तुझको
तु हो साथ मेरे बस और
क्या लेना मुझको
महकी सी ये हवा बहके
मैं पा जाऊं तुझको
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रात भर ख़्वाब आँखों में चलते
रहे सुबह जागे तो कुछ नींद
की खुमारी थी कुछ लौट
के आने से पलकें भारी थी
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दुनियादारी की रस्मों से कुछ यूं जकड़े बैठे हैं
पकडाई थी उंगली जिनको वो पहुंचा पकड़े बैठे है
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उतर आयेगी धूप भी धीरे धीरे इत्मीनान रख
मौसम अभी सर्द है और दिलों मे लावा है
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यूँ तो वक्त बहुत है पर
एक लम्हे को तरसते है हम
वैसे तो खिलखिलाते रहते हैं पर
एक हंसी को तरसते हैं हम
यादें तो बहुत हैं ज़िन्दगी में पर
उन्हें जीने को तरसते है हम
साथ गुज़ारा वक्त है पर
उस रस्ते पे चलने को तरसते हैं हम
आसमान है मंज़िलें हमारी पर
उनका छोर छूने को तरसते हैं हम
मुस्कान तुम्हारी बिखरी होगी हर सू पर
एक झलक पाने को तरसते है हम

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